Devi Chandraghanta Aarti

Devi Chandraghanta Aarti

॥ आरती देवी चन्द्रघण्टा जी की ॥

जय माँ चन्द्रघण्टा सुख धाम। पूर्ण कीजो मेरे काम॥

चन्द्र समाज तू शीतल दाती। चन्द्र तेज किरणों में समाती॥

मन की मालक मन भाती हो। चन्द्रघण्टा तुम वर दाती हो॥

सुन्दर भाव को लाने वाली। हर संकट में बचाने वाली॥

हर बुधवार को तुझे ध्याये। श्रद्धा सहित तो विनय सुनाए॥

मूर्ति चन्द्र आकार बनाए। सन्मुख घी की ज्योत जलाएं॥

शीश झुका कहे मन की बाता। पूर्ण आस करो जगत दाता॥

कांचीपुर स्थान तुम्हारा। कर्नाटिका में मान तुम्हारा॥

नाम तेरा रटू महारानी। भक्त की रक्षा करो भवानी॥

Today's Astrological Thoughts

“There is no greater astrologer than time itself.”

— Ramayana