Jaharveer Aarti
॥ आरती श्री जाहरवीर जी की ॥
जय जय जाहरवीर हरे, जय जय गूगा वीर हरे
धरती पर आ करके भक्तों के दुख दूर करे॥
जय जय जाहरवीर हरे॥
जो कोई भक्ति करे प्रेम से हाँ जी करे प्रेम से
भागे दुख परे विघ्न हरे, मंगल के दाता तन का कष्ट हरे।
जय जय जाहरवीर हरे॥
जेवर राव के पुत्र कहाये रानी बाछल माता
बागड़ जन्म लिया वीर ने जय-जयकार करे॥
जय जय जाहरवीर हरे॥
धर्म की बेल बढ़ाई निश दिन तपस्या रोज करे
दुष्ट जनों को दण्ड दिया जग में रहे आप खरे॥
जय जय जाहरवीर हरे॥
सत्य अहिंसा का व्रत धारा झूठ से आप डरे
वचन भंग को बुरा समझकर घर से आप निकरे॥
जय जय जाहरवीर हरे॥
माड़ी में तुम करी तपस्या अचरज सभी करे
चारों दिशा में भक्त आ रहे आशा लिए उतरे॥
जय जय जाहरवीर हरे॥
भवन पधारो अटल क्षत्र कह भक्तों की सेवा करे
प्रेम से सेवा करे जो कोई धन के भण्डार भरे॥
जय जय जाहरवीर हरे॥
तन मन धन अर्पण करके भक्ति प्राप्त करे
भादों कृष्ण नौमी के दिन पूजन भक्ति करे॥
जय जय जाहरवीर हरे॥
Today's Astrological Thoughts
“There is no greater astrologer than time itself.”