Shri Sitaram Aarti

Shri Sitaram Aarti

॥ श्री सीताराम आरती ॥

आसपास सखियाँ सुख दैनी, सजि नव साज सिन्गार सुनैनी,

बीन सितार लिएँ पिकबैनी, गाइ सुराग सुनाओ॥

गाओ गाओ री, प्रियाप्रीतम की आरती गाओ।

अनुपम छबि धरि दन्पति राजत, नील पीत पट भूषन भ्राजत,

निरखत अगनित रति छबि लाजत, नैनन को फल पाओ॥

गाओ गाओ री, प्रियाप्रीतम की आरती गाओ।

नीरज नैन चपल चितवनमें, रुचिर अरुनिमा सुचि अधरनमें,

चन्द्रबदन की मधु मुसकनमें निज नयनाँ अरुझाओ॥

गाओ गाओ री, प्रियाप्रीतम की आरती गाओ।

कंचन थार सँवारि मनोहर, घृत कपूर सुभ बाति ज्योतिकर,

मुरछल चवँर लिएँ रामेस्वर हरषि सुमन बरसाओ॥

गाओ गाओ री, प्रियाप्रीतम की आरती गाओ।

Today's Astrological Thoughts

“There is no greater astrologer than time itself.”

— Ramayana